
देवकी के कोखि सँ जनमल कृष्ण कन्हैया रे लिरिक्स
देवकी'के कोखि'सँ जनमल कृष्ण कन्हैया रे
ललना रे विधि के लिखल संजोग यशोदा भेली मैया रे ! ( x2 )
जेहल'मे जननी'के नोर देवकी'के लाल दूर गेल रे
ललना रे सोचि'क' केलथि संतोख नेना'के प्राण बचि गेल रे ! ( x2 )
पुलकित नन्द'के दुआरि जनम'लेल बालक रे
ललना रे देखू सखी रूप निहारि देखथि मैया अपलक रे ! ( x2 )
दीनघर बसन के दान कि संगे अन्न द्रव दान रे
ललना रे गोकुला'मे नवल विहान बढ़ल नन्द-वंश मान रे ! ( x2 )
सुनू सुनू माय यशोदा जीबहु पूत तोहर रे
ललना रे पलना'मे डोलथि कन्हैया रचल शिव सोहर रे ! ( x2 )