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हंस हंस मिठो जग में बोलणो लिरिक्स | Hans Hans Mitho Jaag Me Bolno Re Lyrics

Hans Hans Mitho Jaag Me Bolno Re Lyrics

हंस हंस मिठो जग में बोलणो लिरिक्स


।। दोहा ।।
दुर्लभ मानुष जन्म है, देह न बारम्बार ।
तरुवर ज्यों पत्ता झड़े, बहुरि न लागे डार।

हँस हँस मीठो जग में बोलणो रे ,
हंसला फेर मिलाला नाय।

नदी रे किनारे एक रुखड़ो रे ,
हंसला जद कद होवेला विनास।
पेला झड़सी पानड़ा रे ,
जड़ियाँ रे मूल सूं जाय।
मीठो जग में बोलणो रे ,
हंसला फेर मिलाला नाय।

पत्ता पड़ंता यूँ बोलीया ओ ,
हंसला सुनता म्हारी बात।
अबके बिछड्या नाय मिलाला ,
पड़ गई दूरां जाय।
मीठो जग में बोलणो रे ,
हंसला फेर मिलाला नाय।

हंस आया हंसा रे खेत में ओ ,
हंसला मूरख मारण जाय।
हठ जा मूरख बावळा रे ,
हंसो धन केरो खाय।
मीठो जग में बोलणो रे ,
हंसला फेर मिलाला नाय।

रतन तलाई जल भरीयो ओ ,
हंसला हँस राजा बैठा आय।
प्रीत पुराणी कारणे ओ ,
चुग चुग कंकर खाय।
मीठो जग में बोलणो रे ,
हंसला फेर मिलाला नाय।

हंस आया हंसला रे पावणा ओ ,
हंसला काई करा मनवार।
लाला रो करूँ बिछावणों रे ,
मोतीड़ा री करूँ मनुहार।
मीठो जग में बोलणो रे ,
हंसला फेर मिलाला नाय।

चौपत ढाळी चोवटे ओ ,
हंसला खेले संत सुजान।
कोई एक बाजी जीत गया ओ ,
कोई कोई गया रे हार।
मीठो जग में बोलणो रे ,
हंसला फेर मिलाला नाय।

गंगा से यमुना बड़ी हो ,
हंसला तीरथ बड़ो है केदार।
दास डूंगरपुरी बोलीया ओ ,
अमरापुर घर बार।
मीठो जग में बोलणो रे ,
हंसला फेर मिलाला नाय।