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मन फूला फूला फिरे जगत में कैसा नाता रे लिरिक्स, Man Fula Fula Phire Jagat Mein Kaisa Nata Re Lyrics

Man Fula Fula Phire Jagat Mein Kaisa Nata Re Lyrics

मन फूला फूला फिरे जगत में कैसा नाता रे लिरिक्स


मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥

माता कहे यह पुत्र हमारा, बहन कहे बीर मेरा,
भाई कहे यह भुजा हमारी, नारी कहे नर मेरा,
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥

पेट पकड़ के माता रोवे, बांह पकड़ के भाई,
लपट झपट के तिरिया रोवे, हंस अकेला जाए,
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥

जब तक जीवे माता रोवे, बहन रोवे दस मासा,
तेरह दिन तक तिरिया रोवे, फेर करे घर वासा,
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥

चार जणा मिल गजी बनाई, चढ़ा काठ की घोड़ी,
चार कोने आग लगाई, फूंक दियो जस होरी,
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥

हाड़ जले जस लाकड़ी रे, केश जले जस घास,
सोना जैसी काया जल गई,कोइ न आयो पास,
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
 
घर की तिरिया ढूंढन लागी, ढुंडी फिरि चहु देशा,
कहत कबीर सुनो भई साधो, छोड़ो जगत की आशा,
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥

मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥