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हिये काया में बर्तन माटी रा लिरिक्स, Hiye Kaya Me Bartan Mati Ra Lyrics

Hiye Kaya Me Bartan Mati Ra Lyrics

हिये काया में बर्तन माटी रा लिरिक्स


दोहा – कबीरा जब हम पैदा हुए,
जग हंसा हम रोय,
कुछ करणी ऐसी करें,
की हम हंसे जग रोय।
कबीर कहे कमाल से,
तु दो बाता सिख लेय,
कर सायब से बंदगी,
और भूखे को अन्न देय।

हिये काया में बर्तन माटी रा,
टूटे जासी नहीं कर राङ को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
एक ही दिन को घड़ी पलक रो,
एक ही दिन रो घड़ी पलक रो,
नहीं है भरोसो पल छिन को,
सायब हम को डर लागो,
एक दिन को ॥

हिये काया में माला मोतियन की,
हिये काया में माला मोतियन की,
टूटे जासी डोरों रुङो तन को.
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
एक ही दिन को घड़ी पलक रो,
एक ही दिन रो घड़ी पलक रो,
नहीं है भरोसो पल छिन को,
सायब हम को डर लागो,
एक दिन को ॥

कहत कबीर सुनो भाई संतों,
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
पहला नाम अलख रो,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
एक ही दिन को घड़ी पलक रो,
एक ही दिन रो घड़ी पलक रो,
नहीं है भरोसो पल छिन को,
सायब हम को डर लागो,
एक दिन को ॥

हिये काया मे बर्तन माटी रा,
टूटे जासी नहीं कर राङ को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
एक ही दिन को घड़ी पलक रो,
एक ही दिन रो घड़ी पलक रो,
नहीं है भरोसो पल छिन को,
सायब हम को डर लागो,
एक दिन को ॥