
आवणो पड़ेला गुरूजी आवणो पड़ेला लिरिक्स
आवणो पड़ेला गुरूजी,
आवणो पड़ेला,
आज री सत्संग में थाने,
आज री जागरण में थाने,
आवणो पङेला ॥
पहला रे युगा मे गुरु,
पहलाद जी आया,
पांच करोङ तपस्वी,
तारणा पङेला,
आज री जागरण में थाने,
आवणो पङेला ॥
दुजा रे युगा में राजा,
हरिश्चंद्र जी आया,
सात करोड़ तपस्वी,
तारणा पङेला,
आज री जागरण में थाने,
आवणो पङेला ॥
तीजा रे युगा में राजा,
युधिष्ठिर जी आया,
नव करोड़ तपस्वी,
तारणा पङेला,
आज री जागरण में थाने,
आवणो पङेला ॥
चौथा रे युगा में गुरु,
जम्भेश्वर जी आया,
बारह करोङ भक्त,
तारणा पङेला,
आज री जागरण में थाने,
आवणो पङेला ॥
आवणो पड़ेला गुरूजी,
आवणो पड़ेला,
आज री सत्संग में थाने,
आज री जागरण में थाने,
आवणो पङेला ॥
आवणो पड़ेला गुरूजी,
आवणो पड़ेला,
आज री सत्संग में थाने,
आज री जागरण में थाने,
आवणो पङेला ॥