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टॉप 8 देश भक्ति गीत लिरिक्स, Desh Bhakti Geet Lyrics

Desh Bhakti Geet Lyrics

देश भक्ति गीत लिरिक्स


1. अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों लिरिक्स

कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।

साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई,
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया,
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं,
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया,
मरते मरते रहा बाँकापन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।
कर चले हम फ़िदा…

ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर,
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं,
हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे,
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं,
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।
कर चले हम फ़िदा…

राह क़ुर्बानियों की न वीरान हो,
तुम सजाते ही रहना नये क़ाफ़िले,
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है,
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले,
बांधलो अपने सर से कफ़न साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।
कर चले हम फ़िदा…

खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर,
इस तरफ़ आने पाये न रावण कोई,
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे,
छूने पाये न सीता का दामन कोई,
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।

कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।


2.  दिल दिया है जान भी देंगे लिरिक्स

मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू ।
तेरा सबकुछ मैं, मेरा सबकुछ तू ॥

हर करम अपना करेंगे, हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए ।
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए ॥

तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है,
ऐ वतन मेहबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है ।
हम जिएंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए,
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए ॥

हिन्दू, मुस्लिम, सिख इसाई, हमवतन, हमनाम है,
जो करे इनको जुदा मजहब नहीं इल्ज़ाम है ।
हम जिएंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए,
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए ॥

तेरी गलियों में चलाकर नफरतों की गोलियां,
लुटते है कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियाँ ।
लूट रहे है आप वो अपन घरों को लूटकर,
खेलते हैं बेख़बर अपने लहू से होलिया ॥

दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए ॥


3. सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा लिरिक्स

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी, वो गुलसितां हमारा

गुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा,
सारे जहाँ से अच्छा...

पर्वत हो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा, वो पासवां हमारा,
सारे जहाँ से अच्छा ...

गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियां
गुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनां हमारा
सारे जहाँ से अच्छा ...

ऐ आब-ए-रौंद-ए-गंगा!  वो दिन है याद तुझको
उतरा तेरे किनारे, जब कारवां हमारा,
सारे जहाँ से अच्छा...

मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्तां हमारा, 
सारे जहाँ से अच्छा ...

यूनान, मिस्र, रोमां, सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाकी, नाम-ओ-निशां हमारा,
सारे जहाँ से अच्छा ...

कुछ बात है की हस्ती, मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-जहाँ हमारा,
सारे जहाँ से अच्छा...

'इक़बाल' कोई मरहूम, अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहां हमारा,
सारे जहाँ से अच्छा ...


4. वन्दे मातरम् लिरिक्स

वन्दे मातरम् 
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् 
शस्यशामलां मातरम् ।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं 
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं 
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं 
सुखदां वरदां मातरम् ॥ १ ॥

वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले, 
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ॥ २ ॥

 वन्दे मातरम् ।
 तुमि विद्या, तुमि धर्म तुमि हृदि,
 तुमि मर्म त्वं हि प्राणा: 
शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति, 
हृदये तुमि मा भक्ति, 
तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ॥ ३ ॥

 वन्दे मातरम् ।
 त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी 
कमला कमलदलविहारिणी वाणी विद्यादायिनी,
 नमामि त्वाम् नमामि कमलां
 अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम् ॥ ४ ॥

 वन्दे मातरम् ।
 श्यामलां सरलां सुस्मितां 
भूषितां धरणीं भरणीं मातरम् ॥ ५ ॥
 वन्दे मातरम् ॥


5. मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती लिरिक्स

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

बैलों के गले में जब घुँघरू,
जीवन का राग सुनाते हैं,
ग़म कोस दूर हो जाते है,
खुशियों के कमल मुस्काते हैं ।
सुन के रहट की आवाज़ें,
यूँ लगे कहीं शहनाई बजे,
आते ही मस्त बहारों के,
दुल्हन की तरह हर खेत सजे ।

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

जब चलते हैं इस धरती पर हल,
ममता अँगड़ाइयाँ लेती है,
क्यों ना पूजें इस माटी को,
जो जीवन का सुख देती है ।
इस धरती पे जिसने जन्म लिया,
उसने ही पाया प्यार तेरा,
यहाँ अपना पराया कोई नही,
हैं सब पे है माँ उपकार तेरा ।

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

ये बाग़ हैं गौतम नानक का,
खिलते हैं अमन के फूल यहाँ,
गांधी सुभाष टैगोर तिलक,
ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ ।
रंग हरा हरिसिंह नलवे से,
रंग लाल है लाल बहादुर से,
रंग बना बसंती भगतसिंह,
रंग अमन का वीर जवाहर से ।

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।


6. जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा लिरिक्स

जहाँ डाल डाल पर
सोने की चिड़िया करती है बसेरा,
वो भारत देश है मेरा ।

जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का
पग पग लगता डेरा,
वो भारत देश है मेरा ।

ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि,
जपते प्रभु नाम की माला,
जहाँ हर बालक एक मोहन है,
और राधा हर एक बाला ।
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर,
डाले अपना फेरा,
वो भारत देश है मेरा ।

अलबेलों की इस धरती के,
त्योहार भी है अलबेले,
कहीं दीवाली की जगमग है,
कहीं हैं होली के मेले ।
जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का,
चारो और है घेरा,
वो भारत देश है मेरा ।

जहाँ आसमान से बाते करते,
मंदिर और शिवाले,
जहाँ किसी नगर मे किसी द्वार पर,
कोई न ताला डाले ।
प्रेम की बंसी जहाँ बजाता,
है ये शाम सवेरा,
वो भारत देश है मेरा ।

जहाँ डाल डाल पर
सोने की चिड़िया करती है बसेरा,
वो भारत देश है मेरा ।


7.  मेरा रंग दे बसंती चोला लिरिक्स

मेरा रंगदे बसंती चोला,
मेरा रंग दे बसंती चोला,
मेरा रंग दे बसंती चोला,
मेरा रंग दे बसंती चोला,
मेरा रंगदे बसंती चोला,
हो आज रंग दे,
ओ माए रंगदे,
मेरा रंग दे बसंती चोला,
मेरा रंगदे बसंती चोला ॥

आज़ादी को चली बिहाने,
दीवानो की टोलियाँ,
आज़ादी को चली बिहाने,
दीवानो की टोलियाँ,
खून से अपने लिख देंगे हम,
इंक़लाब की बोलियाँ,
हम वापस लौटेंगे लेकर,
आज़ादी का टोला,
मेरा रंग दे,
मेरा रंग दे बसंती चोला,
मेरा रंगदे बसंती चोला,
मेरा रंग दे बसंती चोला,
मेरा रंगदे बसंती चोला ॥

ये वो चोला है के जिस पे,
रंग चड़े ना दूजा,
ये वो चोला है के जिस पे,
रंग चड़े ना दूजा
हम ने तो बचपन से की थी,
इस चोले की पूजा,
कल तक जो चिंगारी थी वो,
आज बनी है शोला,
मेरा रंग दे,
मेरा रंग दे बसंती चोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ॥

सपने में देखा था जिसको,
आज वही दिन आया है,
सपने में देखा था जिसको,
आज वही दिन आया है,
सूली के उस पार खड़ी है,
माँ मे हमे बुलाया है,
आज मौत के पलड़े में,
जीवन को हमने तोला,
मेरा रंग दे,
मेरा रंग दे बसंती चोला,
मेरा रंग दे बसंती चोला,
मेरा रंग दे बसंती चोला,
मेरा रंग दे बसंती चोला ॥


8. है प्रीत जहाँ की रीत सदा लिरिक्स

जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने
भारत ने मेरे भारत ने
दुनिया को तब गिनती आयी
तारों की भाषा भारत ने
दुनिया को पहले सिखलायी

देता ना दशमलव भारत तो
यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का
अंदाज़ा लगाना मुश्किल था

सभ्यता जहाँ पहले आयी
पहले जनमी है जहाँ पे कला
अपना भारत वो भारत है
जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा
यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढ़े
बढ़ता ही रहे और फूले-फले

है प्रीत जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ

काले-गोरे का भेद नहीं
हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और न आता हो हमको
हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया
मैं बात वो ही दोहराता हूँ
भारत का रहने…

जीते हो किसी ने देश तो क्या
हमने तो दिलों को जीता है
जहाँ राम अभी तक है नर में
नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन हैं लोग जहाँ
मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ
भारत का रहने...

इतनी ममता नदियों को भी
जहाँ माता कह के बुलाते है
इतना आदर इन्सान तो क्या
पत्थर भी पूजे जातें है
इस धरती पे मैंने जनम लिया

ये सोच
ये सोच के मैं इतराता हूं
भारत का रहने वाला हूं 
भारत की बात सुनाता हूं
है प्रीत जहां की रीत सदा

हो...हो...हो...